करोना वायरस का किसानो पर प्रभाव
Covid-19 के अब तक भारत मे 96,169 कुल मामले है जिसमे से 36,824 ठीक होने की शख्या है । Covid -19 प्रभाव भारत की अर्थव्यवसयता पर गहरे रूप से पड़ा है, इसका प्रभाव विभिन सेक्टरों पर पड़ा है जो अर्थव्यवसयता में गहरी भूमिका रखता है जिसमे एग्रीकल्चर सेक्टर एक प्रमुख सेक्टर है। एग्रीकल्चर सेक्टर मे रबी की तैयार की गई फसलों मे किसानो को इस बार काफी नुक्सान झेलना पड़ा है जिसके प्रमुख कारण है।
- श्रमिको की उप्लभ्दता ना होना
- परिवहन की उप्लभ्दता ना होना
- खरीदारों मे गिरावट, मंडीओ का बंद होना
- खाद, बीज, दवाई की उप्लभ्दता ना होना
जो किसान श्रमिको पर निर्भर नहीं करते है और नई तकनिकी की मशीनों का उपयोग कर कटाई करने मे समर्थ रहे उन्हें फसल बेचने मे कई मुस्किलो का सामना करना पड़ रहा है। वव्याहिक फसले प्रवासी श्रमिकों पर अधिक निर्भर करती है, परन्तु श्रमिको के हो रहे पलायन के कारण दैनिक मजदूरी पर काफी विर्धि हुई है । अधिक दैनिक मजदूरी देने के बावजूद भी किसान उत्पाद को मंडीओ तक नहीं पहुंचा पाए है जिसमे कारण अंतर राज्य परिवाहनो का बंद होना, राज्यों की सीमाओं का बंद होना प्रमुख है। फसले जैसे गेहू, प्याज़, नर्मा और सब्जियों के उत्पादकों को काफी नुक्सान झेलना पड़ा है।
किसानो की इस स्थिति को दखते हुए भारत सरकार ने कई नए नियम – निर्देश लागू किये है। कुछ महत्वपूर्ण कृषि गतिविधियों की अनुमति प्रदान करना, किसानो की सहजता को सुनिश्चित करना जिससे किसानो को ज्यादा से ज्यादा राहत पहुंचे।
सरकार दवारा किये गए कुछ निति निर्देश –
- भारत सरकार के निति -निर्देश के आधार पर राज्य सरकारों के मत्रायलो ने कृषि और उसके संभधित क्षेत्रों में सुविधा जारी रखने के निर्देश जारी किये गए है।
- सरकार ने पी- एम योजना के अंतर्गत किसानो को वर्ष में 6000 रुपए दिए जाएगे, जो की 3 किश्तों में किसान के खाते में डाले जाएगी इस योजना से 9.13 करोड किसानो को फायदा होगा।
- आर बी आई ने तीन महीने के लिए कृषि ऋण पर स्थगन की घोषणा की है।
- भारतीय रेलवे को कृषि उपज के परिवहन लॉजिस्टिक को आसान बनाने के लिए रोपा गया है।